Saturday, November 27, 2010
Friday, November 26, 2010
ताल में नाचती बतखें(Ducks dancing in a pond)/आदित्य अग्रवाल
Wednesday, November 17, 2010
Sunday, October 10, 2010
लय और ताल
गति और ताल में लयबद्धता जीवन का एक आवश्यक अंग है। मस्तिष्क को अनेक उद्वेलनों और तनावों से बचाए रखने का यह अचूक, सकारात्मक और कलात्मक निदान है। इस बार गति और ताल में लयबद्धता का आनन्द लीजिए। इन्दौर से दिल्ली जाते हुए इन्दौर-एक्सप्रेस में भजन-कीर्तन करते जाते इंदौर आधारित एक भजन-मंडली के मुखिया ने मुझे बताया था कि उनकी मंडली की स्थापना उनके बुजुर्गों ने सन् 1896-97 में की थी। यह मंडली फिलहाल अपने पचास के करीब अनुयायी परिवारों के साथ श्रीराधा जी के दर्शनों हेतु मथुरा जा रही थी।
प्रस्तुत फुटेज़ द्वारका से बेट द्वारका(गुजराती-मराठी में 'बेट' से तात्पर्य 'टापू' होता है। हिन्दी पट्टी के लोग श्रीकृष्ण-सुदामा की भेंट से जोड़ते हुए इसे 'भेंट द्वारका' कहते हैं।) जाते हुए जेट्टी पर भिक्षा हेतु बैठे एक नेत्रहीन का है। गति और लय में तालबद्धता यहाँ भी है--हारे को हरिनाम की महत्ता यहाँ सिद्ध होती है।
गति और लय में तालबद्धता का एक नमूना यह भी है--एकजुट हो बैठना। सन्यासियों की यह मण्डली द्वारका स्थित रुक्मणी मन्दिर के बाहर लगभग 32 डिग्री सेल्सियस ताप बरसाते सूरज के नीचे हैं। इस आशा में कि श्रद्धालुओं से इन्हें कुछ दान-दक्षिणा प्राप्त हो जाएगी। ऊपर वाले फुटेज़ का नेत्रहीन भिक्षुक अपने चारों ओर की चिन्ताओं से मुक्त है। उसकी चप्पलें भी पीछे बिखरी पड़ी हैं। उसके पास खोने को जैसे कुछ है ही नहीं। इन साधुओं को भरण-पोषण की चिन्ता है, लेकिन एकजुट हो बैठना इनका प्रशंसनीय गुण है।
धूप से बचने के लिए भिक्षुक बस्ते छोड़कर छाँह में बैठ जाते हैं
श्रद्धालुओं से भरी टूरिस्ट बस या अन्य वाहन के आ जाने पर वे अपने-अपने बस्ते पर आ बैठते हैं। किसी एक को देदीजिए, सब मिल-बाँटकर खाते हैं।
Tuesday, September 28, 2010
Wednesday, July 14, 2010
Chicks:Came Out of Their Nest-Bed
बच्चे घोंसले की सीमित दुनिया से बाहर पाइन की टहनी पर आ बैठे हैं। माँ अब उनको केवल चुग्गा ही नहीं दे रही, पंख फड़फड़ाना भी सिखा रही है। उसकी कोशिशें देखकर लगता है, बहुत जल्द ये हवा में तैरना सीख जाएँगे। पहले इस टहनी तत्पश्चात् पेड़ का भी मोह त्यागकर खुले आकाश को अपना लेंगे।
Monday, July 12, 2010
Chicks Waiting For Mother/by Aditya Agarwal
दोस्तो,
घर के बाहर गमले में उगा रखे पाइन के एक पौधे में पिछले माह एक नन्हीं-सी चिड़िया ने घोंसला बनाया, अंडे दिये, उन्हें सेहा(Hatched) और चूज़े निकाले। ‘Animation’ के इस अंक में प्रस्तुत हैं छोटे-से उस चिड़िया-परिवार के दो वीडियो-क्लिप्स। एक में चिड़िया के बच्चे अपनी माँ का इन्तज़ार कर रहे हैं तथा दूसरी में माँ-चिड़िया बच्चों के मुँह में चुग्गा डाल रही है। आइए, इस परिवार की खुशियों में हम-सब भी शामिल होते हैं।